जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
संत शिरोमणि रविदास जी महाराज ने जातिवाद से ऊपर उठकर कार्य किया है।वो एक दार्शनिक भी थे। उन्होंने लोगों को भक्ति मार्ग पर चलकर लोगों को ईश्वर को प्राप्त करने की सीख दी। उनकी रचना में प्रभु के प्रति प्यार दिखता है। आज भी उनके वचन, दोहे और रचनाएं प्रेरणादायक हैं। खासकर युवाओं को जीने की सीख देते हैं। बुधवार को सोनो दुर्गा मंदिर परिसर में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की 648 वीं जन्म जयंती समारोह के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जमुई लोकसभा के राजद के पूर्व प्रत्याशी अर्चना कुमारी रविदास ने उक्त बातें कही। समारोह की शुरुआत अतिथियों द्वारा गुरु रविदास के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा उन्हें नमन कर किया गया। कार्यक्रम में गुरु रविदास के जीवन दर्शन ,उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र दास ने कहा कि संत शिरोमणि ने समाज में व्याप्त अस्पृश्यता के कलंक को दूर करने का प्रयास किया तथा समस्त मानव जाति को एक जीव अंश माना है।समाज में मानव – मानव में भिन्नता, असमानता जैसी विचारधारा महाकलंक है। इंसान एक सामाजिक प्राणी है। सामूहिक समाज के निर्माण से ही इंसान देवअंश कहलाता है ।मानव मानव में प्रेम ही महान धर्म है। मौके पर समाजसेवी रविन्द्र मंडल,समाजसेवी अमरेंद्र यादव,महंत खीरु साहेब,महंत गोविंद साहेब,शंकर दास, देव सागर बौद्ध,बैजंती देवी,पूर्व मुखिया शंकर दास, कुंदन दास,भागीरथ दास,प्रभु दास,नीतेश्वर आजाद सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

